कुछ दिनों से देश के हालात को टीवी,न्यूजपेपर में देखकर दिल को ठेश पहुची है बहुत दुःख हो रहा है की किस सोने की चिड़िया की बात करते रहे है किस हिंदुस्तान को हम आगे ले जाना चाहते है जो हिंदुस्तान कभी खुद आगे बढ़ना ही नहीं चाहता जो सिर्फ धर्म,जाती के ठेकेदारों के हाथो मैं खिलौना बनकर रहना रह गया है ? और हम नुमाईनदे बनकर हमारे देश का मजाक होते देख रहे है कुछ गिनेचुने सियासतदानो और धर्म के ठेकेदारों के हाथ मैं ,ना ही हमे माँ भारती के सार्वभौमत्व ,उनकी साक ,इज्जत की पड़ी है और ना ही अपने घर,समाज और आनेवाली पीढ़ी की चिंता है बस हमारे दिल और दिमाग मैं भूसे भर गए है.नफ़रत,जहर के सिवा हमे गली,मोहल्ले,गाँव,शहर मैं कुछ नहीं मिलता...क्या हम सही मैं हम हमारे ही भाई,बहने,छोटे,बड़ो मैं नफरत,जहर,कत्लेआम करके अपने आपको सचचा ,सही धार्मिक कहलायेंगे ??? यही हमारी पहचान है ...जरा बचपन मैं जान्किये,भूतकाल मैं अपने माँ-बाप ,दादा-दादी के जीवन को अपनी आँखों के सामने लाइए ...अब बताये की उन्होंने यही नफरत,जहर,कत्लेआम वाली जिंदगी जी थी या प्यार,मोहब्बत,अमन,चैन वाली इंसानियत वाली ?? दोनों सम्प्रदायों के राजनेता और संघठन चलानेवालों का तो काम ही यही है की हमे जुदा रखे और वो अपना राज अछी तरह करते रहे पर उनको ये पता नहीं की हिन्दू-मुस्लिम एक सिक्के की दोनों बाजुए है,एक दाने की दो फाड़ है जिसको दुनिया की न कोई ताकत जुदा कर पाई है और ना कर पायेगी चाहे अमन के दुश्मन कितनी भी कोशिश करले.उनको शायद पता नहीं होगा की जोश मैं किये गए काम जब होश आता है तो बहुत दुखदायी होते है.सबको सन्मति दे भगवान.
स्वतंत्र,लोकतांत्रिक
,धर्मनिरपेक्ष भारत के साथ सारी मानवता के लिए चौकाने वाली बात है की संविधान की
खुलेआम अवहेलना हो रही है,केंद्र और प्रदेश की सरकारे अनदेखी कर रही है,सरेआम टूट
रहे कानून को सख्ती से निपटाने की जगह अपने मिले हुवे लोगो को बचाया जा रहा
है..कानून को मजाक बनाके रखा है,अपराधियों को सब तरह की व्यवस्था मुहैय्या की जा
रही है और हादशे के शिकार लोग अभी भी व्यवस्था और मुआवजे को तरस रहे है .यह बात
समज मैं नहीं आती की अपराध को अपराध की नजर की बजाय धर्म,जाती के चश्मे से देखा
जाने लगा है और यह हमारे देश के लिए खतरे की घंटी है.नेताओ को मरने का डर सताने
लगा है,अरे भाई काम क्यों ऐसे करते हो की कोई मरने-मारने पर उतर आये? आप तो माननीय
नेता है समाज,राज्य और देश को दिशा दिखाने वाले हो .आप ही अपनेआपको सुरक्षित महसूस
नहीं कर रहे हो तो जिस जनता ने आपको चुना है वो कैसे सुरक्षित महसूस करेगी ? उसे
भी तो खुली,स्वतंत्र हवा मैं जीना है !!
मानव धर्म पूरी
मानवता के साथ धड़कने का,एक और नेक होने का नाम है.अक्सर एसा देखा जाता है की कृष्ण
की किसी बात क व्याख्या बाइबल मैं मिलती है और जिसस के किसी कथन की व्याख्या गीता
मैं होती है .कुरान की किसी आयत की व्याख्या वेद मैं पायी जाती है और कभी वेद के
किसी सूत्र का सार फ़क़ीर बताता है.कभी बुध्ध का वचन चीन मैं समजा जाता है और कभी
चीन मैं लाओत्से के ताओ तेह किंग का कहा हुआ वचन भारत का कोई कबीर समजता है .परमपिता,इश्वर
,अल्लाह ,जिसस,वाहेगुरु जी ने जब सृष्टि की रचना की तो धरती पर उसने कही भी किसी
प्रकार की सीमाए नहीं बनायीं,पर मनुष्य ने कागज के नक़्शे बनाकर समस्त मानव जाती को
भिन्न भिन्न सीमाओ और राष्ट्रों व् सम्प्रदायों मैं बांध रखा है .आज हर इन्सान अपने
को शक्तिशाली समजकर अपने से कमजोर के ऊपर अपनी शक्ति का प्रयोग करने लगा है.मानव
को क्या बनानेवाले ने इसीलिए बनाया होगा ? क्या जीने का यही तरीका है ?
“जब तोप मुकाबिल
हो ,तो अखबार निकालो “ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले मिडिया ,पत्रकारों से
मेरा नम्र निवेदन है की आज के इस फ़ास्ट युग मैं सिर्फ आप ही एक स्त्रोत है जो
समाज,देश की दिशा और दशा दोनों तय करने मैं आप अति महत्व का रोल अदा कर सकते है
..अपनी जवाबदेही समजकर वसुधैवकुटुम्बकम की भावना आप ला सकते है .हिंदुस्तान के हर
नागरीक की और से आशा रखता हु की आप देश मैं अमन,चैन,भाईचारे के लिए इंसानियत को
बचने के लिए तत्पर रहेंगे ..
जय हिन्द I
जय जवान I जय किशान I
Great...thinking
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